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 हमारे देश भारत पर सेकड़ों वर्षों  तक मुसलमानों ने राज किया। जब मुसलमान भारत आये उससे पहले  हिन्दू धर्म बहुत सशक्त था। मगर जैसा हम शाक्य ग्रुप के कुछ सदस्यों को देख रहे हैं उस समय भी हिन्दू खाल के शोकीन हुआ करते थे। जो अपनी धर्म धरोहर संभाल नहीं सके और राज बदलने के साथ धर्म परिवर्तन होना भी स्वाभाविक है।
हिन्दू धर्म को कमजोर बनाने के लिए कुछ प्रयाश इस तरह से किए  गए :

धर्म ग्रंथो को जला दिया गया 
सचे ज्ञानियो को मरवाया गया 
जब इससे धर्म नहीं मिटा तो सबसे बड़ा कदम उठाया गया। शुक्रात और प्लूटो जैसे विदेशी बुलवाए  गए जिन्होंने हमारे ग्रंथो का अधययन कर पता लगाया की इन ग्रंथो के होते हुए इस धर्म को नहीं मिटाया जा सकता। फिर मुसलमानों ने पंडितो को खरीद कर असली विश्तृत ग्रंथो के अर्थ बदलवाए गए।
जैसा की हम जानते हैं प्राचीन शिक्षा पद्धति के अनुसार केवल पैत्रिक शिक्षा प्रणाली का ही प्रचालन था।अतः इसमें कोई दो राय नहीं है कि  धर्म प्रमिओं के मरने के बाद जो बिकाऊ पंडित बचे थे  सभी ग्रन्थ उनके पास ही रह  गए  थे । और उन ग्रंथों को परिवर्तित कर दिया गया ।

तो दोस्तों याद रहे की ना तो हिन्दू धर्म गलत था और ना ही झूठा मगर अब इसमें गलतिया भी हैं और झूठ भी।  इसलिए हमें दूसरो के धर्म में त्रुटिया निकालने की बजाय  जो झूठ हमारे धर्म में जोड़ दिए  गए थे उन्हें निकलना है।   

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