शाक्य वंश एक ऐसा गुमनाम समाज (Community) जो गुमनामी के अँधेरे में इस तरह लुप्त हो गया जिसका ना तो कोई प्राचीन इतिहास का पता है और ना ही कोई वर्तमान का। मगर शाक्य वंश के गिने चुने जानकार अपने आप के इतिहास को सिद्ध करने के प्रयाश में वर्तमान को अपनाना जरूर भूल चुके हैं। जिसके चलते भारतीय शाक्यवंशी पुराने ख्यालों में खोकर आज और भविष्य को झूठ मानकर अपने आज को भूत के गुमनाम अँधेरे में खोते चले जा रहे हैं।
जैसे सनातन धर्म को हिंदू सभय्ता में बदल दिए जाने से सनातन धर्म का अर्थ ही बदल गया है। वैसे हि शाक्य के बहुतेरे नाम हो जाने के कारण शाक्य वंश को भी पिछड़े समाज के रूप में अवलोकित किया गया है। ये अवलोकन भी जरूर किसी इतिहास से जुड़ा होगा।
एक समाज जिसका नाम स्वर्णिम अक्षरों में अंकित होता था वो आज पिछड़ा समाज क्यों हो गया है कुछ ऐसे सवालों के जवाब ढूंढते वक्त कुछ ऐसे सवाल दिमाग में आये जिनका जवाब ढूंढना एक खोज के समान हो गया है।
* क्या शाक्य समाज का इतिहास सच में गुम हो गया है।
* क्या शाक्य इतिहास को गुम कर दिया गया है।
* क्या हो सकता है शाक्य वंश का इतिहास।
* क्या शाक्य, कुशवाहा, मौर्य, कुर्मी, काछी, कलोय, सैनी , माली, शक्सेना एक ही जाती के अलग अलग नाम हैं।
* क्या शाक्य समाज सच में पिछड़ा समाज है।
* क्या हमें पिछड़ा वर्ग कहलाने में फक्र महशूस होता है।
* कौन हैं शाक्य समाज के ठेकेदार जो अपने आप को शाक्य वंश के भविष्य के करणधार समझते हैं।
* भविष्य में कहाँ हो सकता है शाक्य वंश।
* बुद्ध एवं शाक्य।
* बुद्ध एवं बौध।
* बौध एवं सनातन धर्म।
* सनातन धर्म एवं वैदिक संस्कृति।
* सनातन धर्म एवं धमपद।
* धमपद एवं अन्य धर्म।
* आज और शाक्य।
* शाक्य जागृति एक मिशन।
* कैसे संभव हो सकता है शाक्य जागृति मिशन।
* शाक्य वंश में आज के चेहरे।
* शाक्य समाज में कुरीतियाँ।
* कुरुतियां कारण व सुधार।
* क्या संभव है ये सुधार अगर हाँ तो कैसे।
* कितना बदलाव चाहता है शाक्य समाज सुधार।
* क्या बदलाव हो रहा है अगर हाँ तो कितना।
जैसे सनातन धर्म को हिंदू सभय्ता में बदल दिए जाने से सनातन धर्म का अर्थ ही बदल गया है। वैसे हि शाक्य के बहुतेरे नाम हो जाने के कारण शाक्य वंश को भी पिछड़े समाज के रूप में अवलोकित किया गया है। ये अवलोकन भी जरूर किसी इतिहास से जुड़ा होगा।
एक समाज जिसका नाम स्वर्णिम अक्षरों में अंकित होता था वो आज पिछड़ा समाज क्यों हो गया है कुछ ऐसे सवालों के जवाब ढूंढते वक्त कुछ ऐसे सवाल दिमाग में आये जिनका जवाब ढूंढना एक खोज के समान हो गया है।
* क्या शाक्य समाज का इतिहास सच में गुम हो गया है।
* क्या शाक्य इतिहास को गुम कर दिया गया है।
* क्या हो सकता है शाक्य वंश का इतिहास।
* क्या शाक्य, कुशवाहा, मौर्य, कुर्मी, काछी, कलोय, सैनी , माली, शक्सेना एक ही जाती के अलग अलग नाम हैं।
* क्या शाक्य समाज सच में पिछड़ा समाज है।
* क्या हमें पिछड़ा वर्ग कहलाने में फक्र महशूस होता है।
* कौन हैं शाक्य समाज के ठेकेदार जो अपने आप को शाक्य वंश के भविष्य के करणधार समझते हैं।
* भविष्य में कहाँ हो सकता है शाक्य वंश।
* बुद्ध एवं शाक्य।
* बुद्ध एवं बौध।
* बौध एवं सनातन धर्म।
* सनातन धर्म एवं वैदिक संस्कृति।
* सनातन धर्म एवं धमपद।
* धमपद एवं अन्य धर्म।
* आज और शाक्य।
* शाक्य जागृति एक मिशन।
* कैसे संभव हो सकता है शाक्य जागृति मिशन।
* शाक्य वंश में आज के चेहरे।
* शाक्य समाज में कुरीतियाँ।
* कुरुतियां कारण व सुधार।
* क्या संभव है ये सुधार अगर हाँ तो कैसे।
* कितना बदलाव चाहता है शाक्य समाज सुधार।
* क्या बदलाव हो रहा है अगर हाँ तो कितना।